होशंगाबाद - कमिश्नर नर्मदापुरम् संभाग के अतिरिक्त पोषण आहार के प्रस्ताव को मिली शासन की मंजूरी
होशंगाबाद/03,मई, 2020/- (अजयसिंह राजपूत)- नर्मदापुरम् संभाग के तीनो जिले होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल में मजदूरी पर निर्भर एवं कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले परिवारो की गर्भवती माताओं को प्रति सप्ताह पोषण आहार (टेकहोम राशन) के दो पैकेट अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराने के लिए आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया था शासन द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई है।
संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास शिवकुमार शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग रजनीश श्रीवास्तव ने शासन को प्रेषित प्रस्ताव में उल्लेख किया था कि प्रसवगत जटिलताओं के साथ-साथ समुचित पोषण की कमी के कारण न केवल गर्भवती माताओं अपितु नवजात शिशुओं की जान को भी खतरा बना रहता है। इस प्रकार की जोखिम कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि एवं मजदूरी पर निर्भर परिवारो की गर्भवती महिलाओं में और अधिक संभावित होती है।
प्रसवगत जटिलताओं में कमी लाने एवं पोषण स्तर के उन्नयन के उद्देश्य से शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था जिसे स्वीकार किया जाकर शासन द्वारा इस श्रेणी की गर्भवती महिलाओं की वास्तविक संख्या चाही गई है जिसके आधार पर टेकहोम राशन का मांग पत्र शासन को भेजा जावेगा। इस संबंध में होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कलेक्टर तथा जिला पंचापयत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को संभाग स्तर से निर्देश जारी किये जाकर रिपोर्ट 11 मई 2020 तक चाही गई है।
कमिश्नर श्रीवास्तव ने बताया है कि वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रो में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को घर ले जाने के लिए प्रति सप्ताह एक पैकेट दिया जाता है, गरीबी के चलते दैनिक भोजन के आवश्यक कैलोरी उर्जा एवं प्रोटीन की पूर्ति नही हो पाती, इस की पूर्ति के लिए अतिरिक्त पोषण आहार गेहूं, सोया वर्फी तथा आटा वेसन लड्डू का एक-एक पैकेट और अतिरिक्त रूप से दिया जावेगा।
मजदूरी कार्य पर जाते समय इसका उपयोग व्यंजन के रूप में तैयार कर साथ में ले जाकर सुविधा एवं स्वरूचि अनुसार भूख लगने पर ग्रहण किया जा सकेगा। इससे गर्भावस्था के दौरान अपेक्षित एवं पोषण मानकों में सुधार परिलक्षित हो सकेगा जिससे जन्म के समय कम वजन के शिशुओ में कमी हो सकेगी।
संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास शिवकुमार शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग रजनीश श्रीवास्तव ने शासन को प्रेषित प्रस्ताव में उल्लेख किया था कि प्रसवगत जटिलताओं के साथ-साथ समुचित पोषण की कमी के कारण न केवल गर्भवती माताओं अपितु नवजात शिशुओं की जान को भी खतरा बना रहता है। इस प्रकार की जोखिम कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि एवं मजदूरी पर निर्भर परिवारो की गर्भवती महिलाओं में और अधिक संभावित होती है।
प्रसवगत जटिलताओं में कमी लाने एवं पोषण स्तर के उन्नयन के उद्देश्य से शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था जिसे स्वीकार किया जाकर शासन द्वारा इस श्रेणी की गर्भवती महिलाओं की वास्तविक संख्या चाही गई है जिसके आधार पर टेकहोम राशन का मांग पत्र शासन को भेजा जावेगा। इस संबंध में होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कलेक्टर तथा जिला पंचापयत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को संभाग स्तर से निर्देश जारी किये जाकर रिपोर्ट 11 मई 2020 तक चाही गई है।
कमिश्नर श्रीवास्तव ने बताया है कि वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रो में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को घर ले जाने के लिए प्रति सप्ताह एक पैकेट दिया जाता है, गरीबी के चलते दैनिक भोजन के आवश्यक कैलोरी उर्जा एवं प्रोटीन की पूर्ति नही हो पाती, इस की पूर्ति के लिए अतिरिक्त पोषण आहार गेहूं, सोया वर्फी तथा आटा वेसन लड्डू का एक-एक पैकेट और अतिरिक्त रूप से दिया जावेगा।
मजदूरी कार्य पर जाते समय इसका उपयोग व्यंजन के रूप में तैयार कर साथ में ले जाकर सुविधा एवं स्वरूचि अनुसार भूख लगने पर ग्रहण किया जा सकेगा। इससे गर्भावस्था के दौरान अपेक्षित एवं पोषण मानकों में सुधार परिलक्षित हो सकेगा जिससे जन्म के समय कम वजन के शिशुओ में कमी हो सकेगी।
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