सड़कें सूनी बाजार बंद, प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर जनता ने लगाया खुद पर ''जनता कर्फ्यू''
22 मार्च तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित 396 मरीज पाये गए, जिनमें से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से 22 मार्च रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की थी, यानी जनता द्वारा स्वयं अपने ऊपर कर्फ्यू लगाने की मांग की थी जिस पर पूरे देश की जनता ने भरपूर सहयोग दिया।
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई।
नरसिंहपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना, एवं पुलिस अधीक्षक गुरुकरण सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, नरसिंहपुर जिले में सबसे पहले धारा 144 लागू कर दी, इसके साथ ही नरसिंहपुर जिले की सीमा में बाहरी जिलों के लोगों का आना और जिले से बाहर जाना प्रतिबंधित कर दिया गया।
22 मार्च रविवार को सम्पूर्ण जिले में कर्फ्यू जैसे हालात देखे गए, दुकानें, मॉल, रेस्टोरेंट, होटलें, पेट्रोल पंप सभी प्रतिष्ठान बंद रहे, यहां तक कि लोग भी सुरक्षा की दृष्टि से घरों से बाहर नहीं निकले।
जिले की गोटेगांव तहसील के बगासपुर, श्रीनगर, उमरिया, कंजई, खमरिया, झाँसीघाट आदि गांव में भी कर्फ्यू जैसे हालात रहे।
नरसिंहपुर जबलपुर सीमा पर झाँसीघाट नर्मदा पुल पर पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था रही। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने जबलपुर से आने वाले वाहनों को नरसिंहपुर जिले की सीमा झाँसीघाट से ही वापस लोटा दिया।
गोटेगांव के सबसे व्यस्ततम बाजारों, भगतराम चौराहा, फुहारा चौक सहित पेट्रोल पंप पर पुलिस की जबरदस्त व्यवस्था रही, गोटेगांव एसडीएम जी एस डेहरिया, थाना प्रभारी प्रभात शुक्ला पुलिस जवानों के साथ सम्पूर्ण थाना क्षेत्र में गश्त करते देखे गए।
प्रशासन द्वारा बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय किये गए, मशीनों के माध्यम से गली गली दबाओं का छिड़काव किया गया, कीटाणुओं की रोकथाम हेतु फॉग मशीन से धुआं छोड़ा गया। वहीं स्पीकर के माध्यम से अलाउंस कर लोंगो को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई।
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