नरसिंहपुर - आबकारी विभाग की मूकदर्शिता से शराब माफियाओं के हौसले बुलंद, गांव-गांव बने मयख़ाने, नशे की आदि हो रही युवा पीढ़ी
नरसिंहपुर- ( आशीष दुबे )- जिले के गांव-गांव को शराब के नशे में डुबो देने के लिए शराब माफिया हर कोशिश कर रहे हैं। शहर की दुकानों से गांव के कोने-कोने तक कैसे शराब की बोतल पहुंचे इसको लेकर माफियाओं का पूरा नेटवर्क काम करता है। शराब माफियाओं के इस अवैध कारोबार होने के बाद भी आबकारी की ओर से किसी तरह की कोई कार्यवाही नही हो रही है, जिससे विभाग की मूक़दर्शिता उजागर हो रही है।शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए शराब विक्रेता ग्रामीणों को अपना ग्राहक बनाने के लिए सबसे ज्यादा जोड़-तोड़ करते हैं। शहर और कस्बों की दुकानों से गांव-गांव तक शराब पहुंचाई जा रही हैं।
गांव-गांव खोल दिये अहाता, युवा हो रहे नशे में लिप्त-
वर्तमान समय में शराब माफियाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों को इस तरह से अपने कब्जे में किया है कि उन्होंने गांवों के मोहल्ले-मोहल्ले में शराब के अवैध ठीहे खोल दिए हैं। शराब माफियाओं द्वारा वाहनों के माध्यम से संबंधित गांवों में शराब की बोतलें पहुंचाई जाती हैं। गांवों में किराना दुकान, पान ठेना, समेत अन्य दुकानों को ये निशाना बनाते हुए अवैध व्यापार करवाते हैं। आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली शराब का सेवन कर युवा पीढ़ी भी बर्बादी की कगार पर खड़ी है।
कौन पूछे, शराब कहां से और कैसे आई ?
ग्रामीण अंचलों में बिक रही शराब को लेकर आबकारी विभाग कार्रवाई करती है, जिस ग्रामीण के घर के भीतर या फिर परिवहन करते पकड़ा जाता है तो उस पर केस बनाकर कार्रवाई का लक्ष्य पूरा किया जाता है। आबकारी विभाग की ओर से यह तहकीकात नहीं की जाती है कि आखिर वह शराब कहां से आई, किस शराब ठेकेदार द्वारा अपनी वैध दुकान से शराब का अवैध परिवहन और विक्रय कराया जाता है।
वैध दुकानों का बंटा होता है अवैध क्षेत्र-
शहर और कस्बों में जितनी भी अंग्रेजी शराब की दुकानें होती हैं, सभी का क्षेत्र ठेकेदार आपसी सहमति से तय कर लेते हैं। इस मामले में यह देखा जाता है कि किस दुकान से कितनी शराब ग्रामीण अंचलों में भेजना है। किस दुकान से कहां-कहां तक के ग्रामीण क्षेत्र को अपनी जद में लाना है। कई बार शराब ठेकेदारों के बीच आपस में इस बात को लेकर द्वंद हो जाता है कि उसके हिस्से के ग्रामीण अंचलों में दूसरे दुकान की अवैध शराब कैसे पहुंच गई।
इन क्षेत्रों में शराब माफियाओं का बोलबाला-
थाना स्टेशनगंज अंतर्गत आने वाले ग्राम खमरिया, डोंगरगांव, भरवारा, डोकरघाट (बायपास) सहित थाना करेली अंतर्गत आने वाले ग्राम- सिमरिया, पिपरिया, बम्होरी आदि दर्जनों गांवों में शराब माफियाओं के बोलबाला है।
इनका कहना है:-
"जहां-जहां की शिकायतें प्राप्त होती हैं वहां कार्यवाही निरंतर जारी है।"
डी.सी. चतुर्वेदी
सहायक जिला आबकारी अधिकारी
गांव-गांव खोल दिये अहाता, युवा हो रहे नशे में लिप्त-
वर्तमान समय में शराब माफियाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों को इस तरह से अपने कब्जे में किया है कि उन्होंने गांवों के मोहल्ले-मोहल्ले में शराब के अवैध ठीहे खोल दिए हैं। शराब माफियाओं द्वारा वाहनों के माध्यम से संबंधित गांवों में शराब की बोतलें पहुंचाई जाती हैं। गांवों में किराना दुकान, पान ठेना, समेत अन्य दुकानों को ये निशाना बनाते हुए अवैध व्यापार करवाते हैं। आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली शराब का सेवन कर युवा पीढ़ी भी बर्बादी की कगार पर खड़ी है।
कौन पूछे, शराब कहां से और कैसे आई ?
ग्रामीण अंचलों में बिक रही शराब को लेकर आबकारी विभाग कार्रवाई करती है, जिस ग्रामीण के घर के भीतर या फिर परिवहन करते पकड़ा जाता है तो उस पर केस बनाकर कार्रवाई का लक्ष्य पूरा किया जाता है। आबकारी विभाग की ओर से यह तहकीकात नहीं की जाती है कि आखिर वह शराब कहां से आई, किस शराब ठेकेदार द्वारा अपनी वैध दुकान से शराब का अवैध परिवहन और विक्रय कराया जाता है।
वैध दुकानों का बंटा होता है अवैध क्षेत्र-
शहर और कस्बों में जितनी भी अंग्रेजी शराब की दुकानें होती हैं, सभी का क्षेत्र ठेकेदार आपसी सहमति से तय कर लेते हैं। इस मामले में यह देखा जाता है कि किस दुकान से कितनी शराब ग्रामीण अंचलों में भेजना है। किस दुकान से कहां-कहां तक के ग्रामीण क्षेत्र को अपनी जद में लाना है। कई बार शराब ठेकेदारों के बीच आपस में इस बात को लेकर द्वंद हो जाता है कि उसके हिस्से के ग्रामीण अंचलों में दूसरे दुकान की अवैध शराब कैसे पहुंच गई।
इन क्षेत्रों में शराब माफियाओं का बोलबाला-
थाना स्टेशनगंज अंतर्गत आने वाले ग्राम खमरिया, डोंगरगांव, भरवारा, डोकरघाट (बायपास) सहित थाना करेली अंतर्गत आने वाले ग्राम- सिमरिया, पिपरिया, बम्होरी आदि दर्जनों गांवों में शराब माफियाओं के बोलबाला है।
इनका कहना है:-
"जहां-जहां की शिकायतें प्राप्त होती हैं वहां कार्यवाही निरंतर जारी है।"
डी.सी. चतुर्वेदी
सहायक जिला आबकारी अधिकारी
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