सरकारों के खिलाफ भारतीय किसान संघ सड़कों पर,सांकेतिक फांसी लगाकर जताया विरोध
बिरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सांकेतिक फांसी लगाकर सरकारों को चेतावनी दी।
किसानों का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि प्रत्येक किसान को देने का वादा किया था, लेकिन प्रदेश के किसी भी किसान को सम्मान निधि का लाभ आज तक नहीं मिला, ना ही उसे उपज का उचित दाम मिल रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को गन्ने का ₹50 बोनस दे रही है।
सरकार की गलत नीतियों की वजह से मध्य प्रदेश का किसान खेती किसानी से पलायन करने पर मजबूर है, और आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर रहा है।
संघ ने मध्यप्रदेश सरकार पर भी वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आते ही 10 दिन के अंदर 200000 तक की कर्ज माफी का वादा किया गया था, लेकिन यह वादा सिर्फ जुमला ही साबित हुआ।
ना किसानों की कर्ज माफी हुई और ना ही समर्थन मूल्य पर किसानों का अनाज खरीदा जा रहा है, और ना ही धान पर बोनस दिया जा रहा है।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार ने अब तक लागू नहीं किया है, प्रदेश के किसानों को पांच से छः घंटे बिजली मिल रही है, ऊपर से बिजली बिल किसान की कमर तोड़ रहे हैं, ऐसी ही 21 सूत्री मांगों को लेकर किसान खेत खलियान को छोड़कर सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ है।
किसानों का कहना है कि यदि केंद्र और राज्य सरकारों ने हमारी मांगों को नहीं माना तो किसान अब सामूहिक आत्महत्या करेगा, या फिर सड़कों पर उग्र आंदोलन करने मजबूर होगा।
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