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गन्ना उत्पादन बढ़ाने व लागत घटाने की नई तकनीकों के बारे में कृषि वैज्ञानिकों ने की किसानों से चर्चा

नरसिंहपुर- भारतीय गन्ना अनुसंधान केन्द्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने जिले के गन्ना उत्पादक क्षेत्रों का सघन भ्रमण किया। उन्होंने किसानों के साथ परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र नरसिंहपुर में किया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने जिले में गन्ने की खेती की लागत घटाकर गन्ना उत्पादन बढ़ाने की नई तकनीकों के बारे में किसानों से चर्चा कर उन्हें उपयोगी जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर अभय वर्मा ने बाहर से आये कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।
       इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर अभय वर्मा, भारतीय गन्ना अनुसंधान केन्द्र लखनऊ के निदेशक डॉ. एडी पाठक, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएन सिंह, डॉ. एमआर सिंह, डॉ. एमके सिंह, पूर्व गन्ना आयुक्त डॉ. साधुराम शर्मा, उप संचालक कृषि राजेन्द्र गणेशे, प्रगतिशील कृषक सीएस तिवारी, जिले के गन्ना उत्पादक कृषक शामिल हुए।
   परिचर्चा में गन्ना उत्पादन बढ़ाने और गन्ना की खेती की लागत घटाने के बारे में किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों से जानकारी ली। कृषि वैज्ञानिकों ने जिले के गन्ना उत्पादक किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
   कार्यक्रम में कलेक्टर अभय वर्मा ने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि गन्ना उत्पादन की नवीन तकनीकों का लाभ जिले के किसानों को दिलायें। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जायें।
   आईआईएसआर के निदेशक डॉ. एडी पाठक ने जिले के किसानों को गन्ना उत्पादन की नवीन तकनीकों की जानकारी देने और मूल्य संवर्धन के बारे में मार्गदर्शन देते रहने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ गन्ना वैज्ञानिक जिले का लगातार भ्रमण करेंगे और यहां के किसानों को गन्ना की खेती में उन्नत बीज, उन्नत तकनीक एवं उन्नत कृषि यंत्र का लाभ दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठायेंगे।
   पूर्व गन्ना आयुक्त डॉ. साधुराम शर्मा ने कहा कि जिले से गन्ना की ऐसी प्रजातियों को हटाना पड़ेगा, जिनमें अधिक रोग लगते हैं। डॉ. एसएन सिंह ने कहा कि गन्ने का अधिकतम उत्पादन लेने के लिए गन्ना फसल को अक्टूबर माह में लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जिले के किसान गन्ने की उन्नत किस्में लगायें। बोवाई से पहले गन्ने के टुकड़ों का बीजोपचार जरूर करें। बीजोपचार से गन्ने में लगने वाले रोगों को रोका जा सकता है।
   डॉ. एमआर सिंह ने गन्ने में लगने वाले कीट और रोगों के नियंत्रण के लिए रासायनिक दवाईयों और इसके जैविक नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब गन्ने के खेतों में परजीवी हों, तब रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं किया जाना चाहिये। ये परजीवी गन्ने के लिए नुकसानदायक कीटों को नष्ट करते हैं।
   डॉ. एमके सिंह ने बताया कि लखनऊ में गन्ना रोपाई के लिए आधुनिक यंत्र बनाये गये हैं। इनसे गन्ना लगाने में समय कम लगता है और लागत भी कम आती है। जिले के किसान इन आधुनिक यंत्रों का लाभ लें।
   कृषि वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। सीएस तिवारी ने भी गन्ना खेती में उपयोगी एवं लाभदायक तकनीकों के बारे में जानकारी दी। प्रगतिशील कृषक नारायण पटैल ने आभार प्रदर्शन किया।
   गन्ना कृषि वैज्ञानिकों ने ग्राम मुंगली में गन्ना कृषि प्रक्षेत्र का भ्रमण भी किया और किसानों को गन्ना उत्पादन के बारे में प्रशिक्षण दिया। किसानों के प्रश्नों का समाधान किया।

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