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रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन में लगे वाहन राजसात होंगे

अवैध उत्खनन व परिवहन करने वालों के विरूद्ध दर्ज होगी एफआईआर , होंगे जिला बदर, जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक सम्पन्न
नरसिंहपुर - जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक कलेक्टर अभय वर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्टर चैम्बर में सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि मानसून सत्र की प्रतिबंधित अवधि में वन, पुलिस, राजस्व, खनिज, पंचायत विभाग द्वारा रेत खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण के विरूद्ध सतत जांच और सख्त कार्रवाई की जावे। अवैध उत्खनन व परिवहन में संलग्न वाहनों को शासन के पक्ष में राजसात करने की कार्रवाई की जावे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में एक जुलाई से एक अक्टूबर 2018 तक की अवधि में रेत उत्खनन प्रतिबंधित किया गया है।
   कलेक्टर ने रेत खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण में संलग्न असामाजिक तत्वों, रेत माफियाओं को सचेत किया है कि वे इस अवैध कार्य को नहीं करें। अन्यथा उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। अवैध उत्खनन एवं परिवहनकर्ता के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज होगी। साथ ही इस कार्य से जुड़े असामाजिक तत्वों, रेत माफियाओं के विरूद्ध शासन की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने एवं चोरी करने पर जिला बदर की कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी।
   बैठक में पुलिस अधीक्षक डीएस भदौरिया, वनमंडलाधिकारी आरके राय, सहायक खनि अधिकारी एसएस बघेल, परिवहन विभाग के प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
   बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन से जुड़े करीब 100 वाहनों को राजसात कर संबंधित पुलिस थानों में खड़ा किया गया है।
   कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया कि रेत खनन नीति 2017 के तहत यदि ग्राम पंचायतें अपने- अपने पंचायत क्षेत्र में नवीन रेत खदान घोषित कराना चाहती हैं, तो इसके लिए पंचायत का प्रस्ताव और प्रस्तावित खदान क्षेत्र के नक्शा खसरे की नकल के साथ 7 दिन के भीतर कलेक्टर कार्यालय की खनिज शाखा में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें।
   बैठक में निर्देश दिये गये कि मानसून सत्र में नर्मदा नदी और अन्य नदियों के घाटों में रेत खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किये जावें। जिले में स्वीकृत खनि पट्टे एवं उत्खनि पट्टे की खदानों में प्रभावी तार फेंसिंग, निर्धारित सीमा स्तंभों की जांच व पुराने उत्खनन से हुये बड़े- बड़े गड्ढों की संबंधित ठेकेदारों से बेक फिलिंग कराने की कार्रवाई की जावे। ऐसे ट्रेक्टर-ट्रालियां जो कृषि कार्य के लिए पंजीबद्ध हैं और खनिज परिवहन करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उन्हें आवश्यक रूप से परिवहन विभाग के माध्यम से कमर्शियल श्रेणी में शामिल करने की कार्रवाई की जावे।

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