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राज्य मंत्री श्री पटैल द्वारा 24 ग्रामों की नल- जल योजनाओं का भूमिपूजन


विकास पर्व के अवसर पर प्रदेश के आयुष, कुटीर एवं ग्रामोद्योग (स्वतंत्र प्रभार) और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री जालम सिंह पटैल ने शुक्रवार को पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम नरसिंहपुर में जिले के 24 ग्रामों की मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं का भूमिपूजन किया। इन नल-जल योजनाओं पर 15 करोड़ 11 लाख 58 हजार रूपये की लागत आयेगी। आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी ने की।
   इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप पटैल, कलेक्टर अभय वर्मा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र फौजदार, जिला पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमती शीला देवी ठाकुर, जनपद अध्यक्ष श्रीमती अनुराधा धनीराम पटैल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अर्चना दुबे, संबंधित पंचायतों के सरपंच, पीएचई के अधिकारी-कर्मचारी और ग्रामीणजन उपस्थित थे।
   कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री श्री पटैल ने कहा कि राज्य शासन का प्रयास है कि प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तायुक्त पेयजल मिले। इस दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज जिन 24 ग्रामों की मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं के लिए भूमिपूजन किया गया है, उनकी 2 साल तक देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होगी, जिससे पेयजल योजना सुचारू रूप से संचालित हो। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को भी देखना चाहिये कि उनके यहां जो योजना संचालित की जा रही है, वह बेहतर ढंग से संचालित हो। राज्य मंत्री ने गिरते भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हैंडपंपों या अन्य जल स्त्रोतों का रिचार्ज भी होना चाहिये, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी उपलब्धता बनी रहे।
   राज्यसभा सांसद श्री सोनी ने कहा कि जल जीवन का अनिवार्य तत्व है। नरसिंहपुर उन सौभाग्यशाली जिलों में से एक है, जहां नर्मदा के प्रवाह के कारण पर्याप्त जल उपलब्ध है। देश के कई जिले जल संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से भू-जल का दोहन किया जा रहा है, उससे आने वाले समय में जल संकट का सामना करना होगा। उन्होंने पानी का अपव्यय को रोकने और पानी के विवेक पूर्ण उपयोग पर बल दिया। श्री सोनी ने जल संरक्षण और पानी के रिचार्ज को बहुत आवश्यक बताया।
   जिला पंचायत अध्यक्ष श्री पटैल ने कहा कि ग्राम और ग्रामीणों की उन्नति के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं। इसका परिणाम है कि आज गांव-गांव पक्की सड़कों से जुड़ रहे हैं। गांव-गांव में पेयजल की व्यवस्था की गई है। गांव में शहरों जैसी सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
   जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री फौजदार ने कहा कि हमें पानी का मूल्य समझना होगा और पानी की बर्वादी रोकनी होगी।
   कलेक्टर अभय वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना के अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड के एक हजार से अधिक आबादी वाले सामान्य एवं 500 से अधिक अनुसूचित जाति-जनजाति की आबादी वाले 8-8 ग्राम का चयन किया गया है। जिसमें कुल 49 ग्राम शामिल किये गये हैं। जिले के 43 ग्रामों में सफल जल स्त्रोत प्राप्त होने के उपरांत उनकी डीपीआर तैयार की गई। शासन स्तर से 37 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में प्रत्येक विकासखंड से प्राथमिकता क्रम की प्रथम चार योजनाओं कार्य लिये गये हैं। इस तरह 6 विकासखंडों में 24 योजनाओं के कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हैं। इन पर 15 करोड़ 11 लाख 58 हजार रूपये की लागत आयेगी।
   पीएचई के कार्यपालन यंत्री आरडी चौरे ने बताया कि मुख्यमंत्री नल-जल योजना में ग्राम तिंदनी में 79.10 लाख रूपये, चीलाचोनखुर्द में 59.01 लाख रूपये, देवरीकलां में 57.86 लाख रूपये, सुपला में 88.51 लाख रूपये, श्यामनगर में 62.29 लाख रूपये, पोनिया में 47.52 लाख रूपये, सिमरीबड़ी में 60.68 लाख रूपये, मुरदई में 61.81 लाख रूपये, तिंसरा में 69.85 लाख रूपये, हिनौतिया में 48.74 लाख रूपये, रीछई में 59.42 लाख रूपये, गुरसी में 56.98 लाख रूपये, लोलरी में 55.49 लाख रूपये, खैरीकलां में 65.81 लाख रूपये, मदनपुर में 57.55 लाख रूपये, खुरसुरू में 60.18 लाख रूपये, ढिगसरा में 66.09 लाख रूपये, खकरिया में 73.13 लाख रूपये, बगदरा में 62.12 लाख रूपये, टेकापार में 68.64 लाख रूपये, माल्हनबाड़ा में 65.59 लाख रूपये, ढाना में 71.10 लाख रूपये, खड़ई में 59.52 लाख रूपये और ग्राम खमरिया में 55.59 लाख रूपये की लागत आयेगी।

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