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किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर करते धूमा सहकारी समिति के कारिंदे

सिवनी/धूमा-: 22 अगस्त 2020 (दुर्गेश पाण्डेय दिलीप यादव)- मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भले अपने आप को किसान हितैषी सरकार बताती हो, भले ही किसानों को लेकर बड़े बड़े दावे करती हो, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
शिवराज सरकार की योजनाओं को सरकार के कारिंदे ही पलीता लगाने में लगे हुए है।
किसानों के साथ हो रहे छलावे का ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले के लखनादौन विकासखण्ड के उपनगरीय क्षेत्र धूमा के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति का सामने आया है।
जहाँ किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि पहले आधार कार्ड पर यूरिया दिया जा रहा था, लेकिन अब खेत की बही लाने को मजबूर किया जा रहा है।
किसानों का कहना है कि पहले आधार कार्ड पर ही यूरिया लेकर गए थे, लेकिन अब हम जब दोबारा यूरिया लेने के लिए आए हैं तो हमसे खेत की बही लाने को कहा जा रहा है।
हम सुबह से लाइन में खड़े हैं जानकारी मांग रहे हैं, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी जा रही, फोन लगाने पर भी हमें यूरिया वितरण की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
शाम होने पर प्रबंधक एवं कर्मचारियों द्वारा कहा गया की आधार कार्ड से यूरिया नहीं दिया जायेगा, जमीन की बही लेकर आओ तब यूरिया मिलेगा, इसकी जानकारी भी नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं की गई है।
अब अचानक से किये गए बदलाव को लेकर किसान परेशान है, किसानों का कहना है कि हम तीस से चालीस किलोमीटर दूर से आए हैं, हमें वापिस खेत की बही लेने घर जाना पड़ेगा, तब तक सोसाइटी द्वारा यूरिया समाप्ति की घोषणा कर दी जाएगी।
किसानों का आरोप है कि खुले आम यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है, आज सुबह जब यूरिया का ट्रक धूमा सोसाइटी पर आया, उस ट्रक से सोसाइटी के बाहर से ही 10 बोरी यूरिया आईसर ट्रेक्टर मैं भिजवा दी गयी।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों अफसर शाही शासन की योजनाओं को पलीता लगाने पर आमादा है।

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