तेंदूखेड़ा जिला पंचायत का आदेश छात्र छात्राएं स्कूलों से प्राप्त करें मध्यान भोजन का अनाज
शासकीय प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र छात्राओं को स्व सहायता समूह के माध्यम से मध्यान भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
चूंकि पिछले माह से कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई।
अब स्कूली छात्र छात्राओं को मध्यान भोजन का अनाज स्कूलों से वितरित करने के आदेश दिए गए हैं।
मार्च माह में 11 दिन एवं अप्रैल माह में 22 दिन कुल 33 दिन का मध्यान्ह का राशन प्राथमिक स्कूलों में 3 किलो 300 ग्राम गेहूं एवं चावल तथा माध्यमिक स्कूलों में 4 किलो 950 ग्राम खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है
जिला पंचायत के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूली छात्र छात्राओं को स्कूल में पहुंचकर मध्यान भोजन का राशन लेने कहा गया है।
इसमें भी कई विसंगतियां है एक और प्रशासन कोरोना से बचाव हेतु सभी नागरिकों को घर से बाहर ना निकलने की सलाह दे रहा है, वही स्कूल के छात्र छात्राओं को जोखिम में डालकर खुले मैदान में अनाज वितरित किया जा रहा है।
अनाज वितरण के दौरान तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है, लेकिन घर से स्कूल आते समय बच्चे सोशल डिस्टेंस का कितना पालन कर रहे हैं, यह बड़ा सवाल है, ना ही बच्चों की सुरक्षा का कोई इंतजाम है, स्कूलों के छात्र-छात्राएं बिना मास्क लगाए अनाज लेने लाइन में खड़े नजर आ रहे हैं।
एक और जिला प्रशासन द्वारा लॉक डाउन का पालन करने शक्ति दिखाई जा रही है, वहीं स्वयं अपने आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए नन्हे नन्हे मासूम स्कूली छात्र छात्राओं को जोखिम में डालकर खुले मैदान में अनाज वितरित किया जा रहा है।
बच्चे सुनसान माहौल में चिलचिलाती भीषण गर्मी में खुलेआम राशन के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं यह कितना न्याय संगत है।
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