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तीन तलाक होगा गैरकानूनी - मोदी सरकार ने दी अध्यादेश को मंजूरी

NE18 -नई दिल्ली - मोदी सरकार की कैबिनेट ने तीन तलाक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक असहमति के कारण तीन तलाक बिल पास नहीं हो सका था, दरअसल विपक्षी दल चाहते थे कि तीन तलाक दिल में संशोधन किए जाएं और इसी कारण संसद के मानसून सत्र में  विपक्ष ने हंगामा करते हुए बिल पास नहीं होने दिया था, इसके बाद मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिस में जमानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा, व कोर्ट की इजाजत से समझौते का प्रावधान भी होगा, संशोधन के बाद इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है अब इस बिल को 6 महीने के अंदर संसद के दोनों सदनों में पारित करवाना होगा।
पहला संशोधन- पहले इस बिल में पहले प्रावधान था कि इस मामले में पहले कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता था इतना ही नहीं पुलिस खुद भी संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी लेकिन संशोधन के बाद बिल यह कहता है कि पीड़िता या उसका कोई सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा।
दूसरा संशोधन - बिल में तीन तलाक को गैर जमानती और अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया था जिसके तहत पुलिस बिना वारंट के आरोपी की गिरफ्तारी कर सकती थी लेकिन अब नया संशोधन यह कहता है कि मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।
तीसरा संशोधन - तीन तलाक बिल में इससे पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था लेकिन अब नए संशोधन के अनुसार मजिस्ट्रेट पति पत्नी के बीच समझौता करा सकता है।
     मानसून सत्र में विपक्ष के विरोध के चलते मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण बिल 2017 राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था विपक्ष का कहना था कि गैरजमानती होने के कारण इस कानून का दुरुपयोग हो सकता है  उस दौरान उसका परिवार बीवी बच्चे मजबूर और बेसहारा हो जाएंगे इन्हीं सब बातों पर ध्यान रखते हुए सरकार ने ट्रिपल तलाक बिल में उक्त तीन बदलाव किए है।

     इससे पूर्व 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 15 दिसंबर को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी प्रस्तावित कानून के मसौदे के अनुसार किसी भी तरह से दिए गए तीन तलाक को गैरकानूनी और अमान्य माना जाएगा, गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालयी समूह ने विधेयक का मसौदा तैयार किया था इस समूह में वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, और कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी शामिल थे तीन तलाक अध्यादेश की मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहां की कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति कर रही है जिसके चलते ट्रिपल तलाक के खिलाफ कोई कानून नहीं बन सका। 

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