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बीएसएनएल की सेवा से उपभोक्ताओं का हो रहा मोहभंग-लगातार घट रही उपभोक्ताओं की संख्या

NE18-गोटेगांव: बीएसएनएल की सेवा से उपभोक्ता परेशान है, भारत सरकार की भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल की सेवा से उपभोक्ता संतुष्ट नहीं है, वैसे तो बीएसएनएल के पास सारे संसाधन उपलब्ध है लेकिन बीएसएनएल के कर्मचारी बीएसएनएल की सेवा पर ध्यान नहीं देते, एक और प्राइवेट कंपनियां पहले ही 4G सेवा लांच कर चुकी है दूसरी ओर बीएसएनएल अभी 3G सेवा ही उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा पा रहा है, वहीँ दूसरी और प्राइवेट कंपनियां 5G सेवा लांच करने की तैयारी में है, लोग कहते हैं कि बीएसएनएल के अधिकारी कमीशन खोरी के चक्कर में प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचा रहे हैं, एक समय था जब बीएसएनल की सिम लेने के लिए लोग दिन दिन भर कतार में लगे रहते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है ऊपरी दबाव की वजह से बीएसएनएल के कर्मचारियों को सड़कों पर उतरकर प्रचार-प्रसार करना पड़ रहा है, एक समय था जब ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनल की लैंडलाइन सेवा ही एक मात्र संचार का माध्यम हुआ करती थी, लेकिन पिछले दो दशक में जब से प्राइवेट कंपनियों की मोबाइल सेवा की पैठ बड़ी लोगों को प्राइवेट मोबाइल कंपनियों की सेवा मिलना शुरू हुई तो बीएसएनएल से उपभोक्ताओं का मोह भंग होता चला गया, उपभोक्ता कहते हैं कि चाहे बीएसएनल की लैंडलाइन हो या मोबाइल सर्विस आए दिन बंद हो जाती है जिससे हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लैंडलाइन सेवा की बात करें तो एक बार फोन बंद हो जाने पर दोबारा चालू होने में महीनों लग जाते थे वहीं मोबाइल सेवा भी आए दिन बाधित होती रहती है, इसी वजह से लोग प्राइवेट कंपनियों के नेटवर्क की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
     आज के युग में मोबाइल का मतलब सिर्फ बात करना नहीं रह गया है अधिकतर लोग मोबाइल का उपयोग इंटरनेट की सेवा के लिए करते हैं मोबाइल से ही चाहे बैंकिंग हो शॉपिंग हो या रिचार्ज करना हो किसी को पैसे भेजने हो बिल पेमेंट करना हो ऐसी तमाम सेवाओं के लिए आज लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार कह चुके हैं कि डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देकर ही देश को तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ाया जा सकता है तो क्या सरकारी क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल इसी तरह प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना साकार कर पाएगी जहां एक और गांव गांव प्राइवेट कंपनियों के 4G नेटवर्क आसानी से मिल जाते हैं वहीं बीएसएनएल के 2G नेटवर्क लोगों को बमुश्किल उपलब्ध हो पाते हैं शहरी क्षेत्र में तो बीएसएनल की 3G सेवा लोगों को मिल रही है लेकिन ऐसे कितने लोग हैं जो बीएसएनल की 3G सेवा का उपयोग करते हैं इनकी संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग बीएसएनल की 3G सेवा का वर्षों से इंतजार कर रहे हैं लेकिन अधिकारी इसमें रुचि नहीं दिखाते, अगर सरकारी क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल का यही रवैया रहा तो जितने भी उपभोक्ता वर्तमान में बीएसएनएल से जुड़े हैं वह भी प्राइवेट कंपनियों में जा सकते हैं बीएसएनएल के उच्च अधिकारियों को इस और ध्यान देने की आवश्यकता है। 

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